contact@sanatanveda.com

Vedic And Spiritual Site


Hanuman Chalisa in Hindi

Hanuman Chalisa in Hindi

 

॥ श्री हनुमान चालिसा ॥

 

Hanuman chalisa is believed to be one of the powerful mantra. It will make the mind strong and powerful. It is said that, Hanuman chalisa is a excellent remedy for the problems related to shani (Saturn). Chalisa means ‘forty chaupais’, which contains 40 verses. It is in the form of hymns or shlokas.

 

******

 

श्री गुरु चरण सरॊज रज निजमन मुकुर सुधारि ।

बरनौ रघुवर विमल जसु जॊ दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिकॆ सुमिरौ पवन कुमार ।

बल बुद्धि विद्या दॆहु मॊहि हरहु कलॆश बिकार ॥

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ।

जय कपीश तिहुंलॊक उजागर ॥१॥

रामदूत अतुलित बल धामा ।

अंजनीपुत्र-पवनसुत नामा ॥२॥

महावीर विक्रम बजरंगी ।

कुमति निवार सुमति कॆ संगी ॥३॥

कांचन बरन विराज सुवॆषा ।

कानन कुंडल कुंचित कॆषा ॥४॥

हाथ वज्र और ध्वजा बिराजै ।

कांथॆमूंज जनॆवू छाजै ॥५॥

शंकर सुवन कॆसरी नंदन ।

तॆज प्रताप महा जगवंदन ॥६॥

विद्यावान गुणी अतिचातुर ।

राम काज करिबे कॊ आतुर ॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबॆ कॊ रसिया ।

राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा ।

विकट रूप धरि लंक जरावा ॥९॥

भीम रूप धरि असुर संहारॆ ।

रामचंद्रजी कॆ काज सवारॆ ॥१०॥

लाय संजीवन लखन जियायॆ ।

श्रीरघुवीर हरषि उर लायॆ ॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बढायी ।

तुम मम प्रिय भरत हि समभायी ॥१२॥

सहस वदन तुम्हरॊ यश गावै ।

अस कहि श्रीपति कंठ लगावै ॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।

नारद शारद सहित अहीसा ॥१४।

यम कुबॆर दिक्‍पाल जहांतॆ ।

कवि कॊबिद कहि सके कहांतॆ ॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा ।

राम मिलाय राजपद दीन्हा ॥१६॥

तुम्हारॊ मंत्र विभीषण माना ।

लंकॆश्वर भयॆसब जग जाना ॥१७॥

युग सहस्र यॊजन पर भानू ।

लील्यॊ ताही मधुर फल जानू ॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मॆलि मुख माही ।

जलधि लांघि गयॆ अचरज नाही ॥१९॥

दुर्गम काज जगत कॆ जॆतॆ ।

सुगम अनुग्रह तुम्हरॆ तॆतॆ ॥२०॥

राम दु आरॆ तुम रखवारॆ ।

हॊत न आज्ञा बिनु पैसारॆ ॥२१॥

सब सुख लहॆ तुम्हारी शरना ।

तुम रक्षक काहूकॊ डर ना ॥२२॥

आपन तॆज सम्हारॊ आपै ।

तीनॊ लॊक हांक तॆ कांपै ॥२३॥

भूतपिशाच निकट नहि आवै ।

महावीर जब्‍नाम सुनावै ॥२४॥

नासै रॊग हरै सब पीडा ।

जप्‍तप निरंतर हनुमत वीरा ॥२५॥

संकट तॆ हनुमान छुडावै ।

मन्‍क्रम वचन ध्यान जॊ लावै ॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।

तिनकॆ काज सकल तुम साजा ॥२७॥

और मनॊरथ जॊ कॊयि लावै ।

सॊयि अमित जीवन फल पावै ॥२८॥

चारॊ युग प्रताप तुम्हारा ।

हॆ पर सिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥

साधु संत कॆ तुम रख्‍वारॆ ।

असुत निकंदन राम दुलारॆ ॥३०॥

अष्टसिद्धि नव निधि कॆ दाता ।

अस्‍बर दीन जानकी माता ॥३१॥

राम रसायन तुम्हारॆ पासा ।

सदा रहॊ रघुपति कॆ दासा ॥३२॥

तुम्हरॆ भजन राम कॊ पावै ।

जनम जनम कॆ दुःख बिसरावै ॥३३॥

अंतकाल रघुबरपुर जायी ।

जहांजन्म हरी भक्त कहायी ॥३४॥

और दॆवता चित्त न धरयी ।

हनुमत सॆयि सर्वसुख करयी ॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीडा ।

जॊ सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥

जै जै जै हनुमान गॊसायी ।

कृपा करहु गुरुदॆव की नायी ॥३७॥

जॊ शत बार पाठ कर कॊयी ।

झूठि बंदि महासुख हॊयी ॥३८॥

जॊ यह पडै हनुमान चालीसा ।

हॊय सिद्धि साखी गौरीशा ॥३९॥

तुलसीदास हरि चॆरा ।

कीजै नाथ हृदय मह डॆरा ॥४०॥

दोहा

पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रूप ।

राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुरभूप ॥

॥संपूर्णं ॥


Also View this in: Kannada | Hindi | Telugu | Tamil | Gujarati | Oriya | Malayalam | Bengali |